ईश्क मुझे आप से या कुछ और हैं,
आज दिलमें हैं कसक वो कुछ और हैं।
जिंदगी के शोर सारे सुनने के बाद,
सुन लेना भीतर दबा जो ईक शोर हैं।
-विराज देसाई ©
(First attempt at Hindi! गुस्ताखी माफ!)
आज दिलमें हैं कसक वो कुछ और हैं।
जिंदगी के शोर सारे सुनने के बाद,
सुन लेना भीतर दबा जो ईक शोर हैं।
-विराज देसाई ©
(First attempt at Hindi! गुस्ताखी माफ!)